विभाग :
पोलियोमाइटिस, मस्तिष्क घात, जन्मजात विकलांगता, कुष्ठ, जलन से सिकुडन, पाराप्लेगिया, हेमिप्लेजिया आदि श्रवण एवं उधारण अक्षमता आदि विभिन्न रोगों के कारण चलन/आर्थोपोडेक अक्षमता वाले रोगियों की चिकित्सा एवं पुनर्स्थापन की जाती है । उन्हें आर्टिफिसल लिंग्स एवं अन्य पुनर्स्थापन संयंत्र तथा उपकरण अक्षम बनने से रोकने हेतु उपलब्ध कराये जाते हैं और उन्हें लगभग सामान्य बना कर दैनंदिन जीवन साधारण बनाया जाता है । पुनर्स्थापन निम्न आधारभूमि से उपलब्ध कराया जाता है :
1. 100 विस्तारवाला अस्पताल
2. कारेक्टिव एवं रिकंस्ट्रक्टिव शल्यक्रिया हेतु दो आधुनिक ओ.टी.
3. माइक्रोसर्जरी
4. रोगी मूल्यांकन हेतु मूल्यांकन क्लिनिक जहाँ पुनर्स्थापन विशेषज्ञ एवं प्रोफेसनल हैं ।
5. रेडियोलाजिकल एवं पेथालाजिकल जांच इकाइयाँ
6. मस्तिष्क घात इकाई
7. हस्त क्लिनिक
8. उधारण चिकित्सा
9. फिजियोथेरापी इकाई
10. आकुपेशनल चिकित्सा इकाई
11. मनोवैज्ञानिक काउंसेलिंग
12. वोकेशनल काउंसेलिंग, प्रशिक्षण एवं मार्ग दर्शन
13. ओर्थोटिक एवं प्रोस्थेटिक सहायता हेतु बडा वर्कशाप
14. हस्त स्प्लिंटर के लिए वर्कशाप
15. आधुनिक पुनर्स्थापन उपकरण