1. भिन्नक्षमता का मूल्यांकन, आकलन एवं व्यवस्थापन ।
2. भिन्नक्षमता फिजिकल विधियों एवं शल्प हस्तक्षेपों से रोकना या ठीक करना ।
3. पेथालाजिक, कंडीशन से अप्रभावी सिस्टम को अधिक सक्षम करना
4. रोग से चलन अक्षमता वालों की कार्य शक्ति को बढना ।
5. कार्य को प्रोत्साहन देने वाले एडाप्टिव उपकरण एवं संयंत्र का उपयोग ।
6. सामाजिक व वोकेशनल वातावरण में सुधार ।
7. मानसिक मंदता एवं मनोरोग वाले व्यक्तियों का मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन एवं काउंसेलिंग कर मरीज की निेष्पादन क्षमता बढाना ।