प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स विभाग चलन अक्षमता वाले रोगियों को पुनर्स्थापन सेवायें उपलब्ध कराता है । ये अक्षमतायें पोलियो माइलेटिस के कारण निम्न या ऊपरी पेशी एंपूटेशन से हुई है, मस्तिष्क घात, कंजीनेटल स्केलेटल लिंब डेफिसेंसीज, रीढ घात से हुई है । इस कारण वे खडे होने एवं ठीक से चल नहीं पाते, उन्हें प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स सहायकों एवं संयंत्रों की जरूरत होती है । यह विभाग आधुनिकतम एवं हलके प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स यंत्र देश में उपलब्ध सामग्री लेकर निर्माण करता है जिसे वे अक्षम व्यवहार करते हैं । उपलब्ध कराये जाने वाले संयंत्र एवं उपकरण हैं :
* विभंगता रोकने या ठीक करने हेतु लोअर एवं अपर एक्स्ट्रीमिटी आर्थोसिस ।
* दर्द से छुटकारा या विभंगता रोकने रीढ को स्थिर करने या सहायता हेतु स्पाइनल आर्थोसिस ।
* लोअर एवं अपर लिंब प्रोस्थेसिस (आर्टिफिसल लिंब) कार्य पुनः प्रवर्तन एवं सौन्दर्य दृष्टि के लिए एंबुलेशन ।
* पूर्व निर्मित संयंत्र (क्रच, वाकर, व्हील चेयर, ट्राइसाइकल) चलने हेतु