1. स्वामी विवेकानद्न राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, एस.वी. निरतार, भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत विकलांगता विभाग में एक स्वयंशासी संस्थान है । यह कटक एवं भुवनेश्वर से 30 कि.मि. की दूरी पर एक मनोरम ग्रामीण क्षेत्र ओलटपुर में अवस्थित है ।
2. यह भौतिक चिकित्सा, व्यावसायिक चिकित्सा, प्रोस्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स में तीन स्नातक पाठ्यक्रम चलाती है । भौतिक चिकित्सा एवं व्यावसायिक चिकित्सा में दो स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाती है । ये सभी पाठ्यक्रम उत्कल विश्ववि़द्यालय, भुवनेश्वर से सहबंधित हैं । साथ ही इसके भौतिक औषध एवं पुनर्वास पर डी.एन.बी. के लिए राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एन.बी.ई), नई दिल्ली के द्वारा मान्यता प्राप्त भी है । यह लघु अवधि के पाठ्यक्रम भी संचालित करती है । साथ ही पुनर्वास पर कार्य कर रहे व्यावसायिक के लिए निरंतर मेडिकल शिक्षा पाठ्यक्रम; सरकारी एवं गैर-सरकारी कार्यकर्ताओं के लिए तथा भिन्नक्षम व्यक्तियों एवं उनके संपर्कियों के लिए सचेतनता कार्यक्रम भी चलाती है ।
3. इसका 100 शैय्या वाला अस्पताल, वार्ड, शल्योपचार कक्ष, एक्स-रे एवं रोग विज्ञान संबंधी जांच, भौतिक चिकित्सा एवं व्यावसायिक चिकित्सा, नैदानिक मनोविज्ञान, व्यवसायिक परामर्श, बाक् एवं श्रवण विज्ञान संबंधी जांच, पुनर्वास संबंधी सहायक यंत्र एवं उपकरणों का निर्माण करते हैं । चलन भिन्नक्षमता वाले व्यक्तियों के लिए पूरी चिकित्सकीय पुनर्वास सेवा उपलब्ध कराती है ।
4. संस्थान अपने कटक, ढेंकानाल एवं भुवनेश्वर स्थित 3 उपकेंद्रों के माध्यम से पुनर्वास सेवायें (भौतिक चिकित्सा एवं व्यावसायिक चिकित्सा) उपलब्ध करा रही है । उत्तर पूर्वी क्षेत्र में व्यापक पुनर्वास सेवा एवं मानव संसाधन विकास उपलब्ध कराने के लिए संस्थान संयुक्त क्षेत्रीय केंद्र (सी.आर.सी.) गुवाहटी, असम (सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित पांच में से एक केंद्र) को तकनीकी एवं जनशक्ति सहायता उपलब्ध कराती है । इसकी स्थापना मार्च 2001 में की गई एवं यह निदेशक निरतार के अधीन कार्यक्षम हुआ । संस्थान द्वारा बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और ओड़िशा के नौ जिलों में जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र (डी.डी.आर.सी.) सफलतापूर्वक स्थापित किये जा चुके हैं । ये जिला कलेक्टर के अध्यक्षता में जिला प्रबंधन टीम (डी.एम.टी.) के अधीन अच्छी तरह कार्य कर रहे हैं ।
5. यह आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, मध्यप्रदेश, ओड़िशा, उत्तरप्रदेश एवं उत्तर पूर्वी राज्यों के देहाती, दूरवर्ती एवं अंदरुनी इलाकों में जो भिन्नक्षम व्यक्ति बड़े शहरों तक नहीं पहुंच पाते, उनके पास पुनर्वास सेवा (निर्माण एवं फिटमेंट, पुनर्वास संबंधी सहायक यंत्र एवं उपकरण का वितरण, शल्योपचार शिविर) उपलब्घ कराने के लिए पुनर्वास शिविरों का आयोजन करते हैं ।
6. इसका अपना अच्छा ग्रंथागार है । यहां पर सूचना एवं प्रलेखन सेवा उपलब्घ है, ताकि भिन्नक्षमता, पुनर्वास एवं संबंधित क्षेत्र की सूचना वितरण संभव होता है । सेटिंग एसं पुनर्वास सेवा उपलब्ध करने हेतु सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं को परामर्श सेवायें उपलब्ध कराता है ।