प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स विभाग चलन अक्षमता वाले रोगियों को पुनर्स्थापन सेवायें उपलब्ध कराता है । ये अक्षमतायें पोलियो माइलेटिस के कारण निम्न या ऊपरी पेशी एंपूटेशन से हुई है, मस्तिष्क घात, कंजीनेटल स्केलेटल लिंब डेफिसेंसीज, रीढ घात से हुई है । इस कारण वे खडे होने एवं ठीक से चल नहीं पाते, उन्हें प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स सहायकों एवं संयंत्रों की जरूरत होती है । यह विभाग आधुनिकतम एवं हलके प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स यंत्र देश में उपलब्ध सामग्री लेकर निर्माण करता है जिसे वे अक्षम व्यवहार करते हैं । उपलब्ध कराये जाने वाले संयंत्र एवं उपकरण हैं :
* विभंगता रोकने या ठीक करने हेतु लोअर एवं अपर एक्स्ट्रीमिटी आर्थोसिस ।
* दर्द से छुटकारा या विभंगता रोकने रीढ को स्थिर करने या सहायता हेतु स्पाइनल आर्थोसिस ।
* लोअर एवं अपर लिंब प्रोस्थेसिस (आर्टिफिसल लिंब) कार्य पुनः प्रवर्तन एवं सौन्दर्य दृष्टि के लिए एंबुलेशन ।
* पूर्व निर्मित संयंत्र (क्रच, वाकर, व्हील चेयर, ट्राइसाइकल) चलने हेतु
विवरण | अनुमोदित पद | भरती पद | खाली पद |
---|---|---|---|
संशय | 12 | 09 | 03 |
तकनीकी | 25 | 19 | 06 |
प्रशासनिक | 05 | 05 | - |
कुल | 42 | 33 | 09 |
विभाग में दो सुसज्जिक कार्यशालायें, साथ में आवश्यक टूल, संयंत्र, मशीन हैं । एक चर्म विभाग है जो पुनर्स्थापन संयंत्र एवं यंत्र निर्माण कर अक्षमों की सेवा में उपलब्ध कराते हैं, एवं प्रोस्थेटिक तथा आर्थोटिक पाठ्यक्रम के छात्रों को प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हैं ।
पुनर्स्थापन सहायक एवं संयंत्र का फिटमेंट :
शारीरिक अक्षमता से व्यक्ति समाज में उत्पादन कार्य करने में सीमित हो जाता है । अक्षमता के रूप के कारण व्यक्ति की स्वचालित गतिविधि सीमित हो जाती है । चलना मानव में सबसे अधिक सामान्य चलन पद्धति है, आदमी की अपनी इच्छानुसार चलना सबसे बडी चाहत होती है । प्रोस्थेटिक एवं आस्थोटिक संयंत्र एवं अन्य पुनर्स्थापन सहायक भिन्नक्षमों को सक्षमों के स्तर तक पहँचाने में सहायक होते हैं । विभाग में सुसज्ज प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स कार्यशाला है, तत्संबंधी विशेषज्ञ हैं जो भिन्नक्षमों के लिए आवश्यक एवं उचित प्रोस्थोटिक्स तथा आर्थोटिक्स संयंत्र की डिजाइन बनाते एवं निर्माण करते हैं।
प्रोस्थोठिटक संयंत्र :
निम्न पेशी प्रोस्थोसिस : - एंपूटेड पेशी के प्रोस्थोटिक संयंत्र (आर्टिफिशल पेशी) की खोयी पेशी के कार्यकारी एवं कास्मेटिक स्थानापन्न होते हैं । जो एंपूटी अपनी निम्न पेशी सो चुका होता है, चलने के लिए नकली पेशी लगा सकता है । यह विभाग अंशिक फुटनी का निर्माण एवं फिट करता है, साइम्स प्रोस्थोटिस, बीके प्रोस्थोसिस, थ्रोनी प्रोस्थोसिस, हिप डिसर्टिकुलेशन प्रोस्थोसिस एवं एक्सटेन्सन प्रोस्थोसिस तथा विभन्न एंपुटेशन से विभिन्न स्तर की अक्षमता के लोगों हेतु फिटमेंट करता है ।
अपर लिंब प्रोस्थेसिस :
अपर लिंब प्रोस्थेसिस का निर्माण एवं डिजाइन पकडन एवं कास्मेटिक दृश्य के लिए किया जाता है । विभिन्न संयंत्रों में आंशिक हस्त प्रोस्थेसिस, कापोंमेटाकार्पल प्रोस्थेसिस, कलाई डिसार्टिकुलेशन प्रोस्थेसिस, बीएफ प्रोस्थेसिस, एई प्रोस्थेसिस, बांह विचलन आर्थेसिस आदि हैं ।
आर्थोटिक संयंत्र :
विभिन्न आर्थोटिक एवं न्यूरोमस्कुलर विअंगताओं के इलाज में प्रायः आर्थोटिक संयंत्रों का व्यवहार होता है । जैसे लोअर लिंब, अपर लिंब एवं स्पाइन की कंजीनीटल विभंगता । उनका व्यवहार विभंगता ठीक करने, सही को स्थिर बनाने एवं देह के अस्थिर भाग को सहायता हेतु होता है । विभिन्न लोअर लिंब आर्थोसिस में फूट आर्थोसिस, एंकल फूट आर्थोसिस, घुटना आर्थोसिस, नी एंकल फूट आर्थोसिस, हिप आर्थोसिस, ह्पिनी एंकल फूट आर्थोसिस आदि । अपर लिंब आर्थोसिस में हैं : रिस्ट हैंड आर्थोसिस, एलबो आर्थोसिस, एलबोप हैंड आर्थोसिस आदि । स्पाइनल आर्थोसिस में सेक्रोलेक बेल्ट, लंबो सेक्रेलबेल्ट, लंबो -सेक्रेल कोर्सेट एवं थोरेको - लंबोसेक्रेल आर्थोसिस (पीपी) भी उपलब्ध कराये जाते हैं ।
कैंप एवं दूर पहुँच कार्यक्रम :
ग्रामीण आदिवासी एवं दूर देहात इलाकों के भिन्नक्षमों को पुनर्स्थापन सेवायें उपलब्ध कराने हेतु जिला अधिकारियों, एवं एन जी ओ की मदद से ओडिशा सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों में उपकरण एवं संयंत्र उपलब्ध कराने पुनर्स्थापन कैंप लागाये जाते हैं ।
i) आकलन कैंप :
पहले फेज में विभिन्न सहायकों एवं संयंत्रों की आवश्यकताओं के लिए भिन्नक्षणों का आकलन एवं मूल्यांकन करने आकलन कैंप लगाते हैं । विशेष कैंप के लिए उपकरण और संयंत्रों की सही संख्या का पता लगाया जाता है । आवश्यक संख्यक सहायक एवं संयंत्र उपलब्ध करने के बाद भिन्नक्षमों में वितरित किये जाते हैं ।
ii) आकलन सह वितरण कैंप :
आकलन सह वितरण कैंप भिन्नक्षणों की जरूरतों का आकलन कर वितरण करने किये जाते हैं । अगर पीडब्लूडी की संख्या आदि से बाढ जाती है, परवर्ती पुनर्स्थापन कैंप में संयंत्रादि उपलब्ध कराये जाते हैं ।
iii) पुनर्स्थापन कैंप :
योजनाबद्ध प्रकार से ये कैंप आयोजित होते हैं । पूर्व आकलन कैंप की सूची के अनुसार इस कैंप में यंत्रादि सहायक सामग्री वितरित होती है ।
विभाग एचआरडी के अधीन प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स में दीर्घावधि एवं लघु अवधि के पाठ्यक्रम आयोजित होते हैं । अध्ययन कार्यक्रम में क्लास रूम व्याख्यान, प्रयोगिक डेमोंस्ट्रेशन एवं फिर छात्रों द्वारा प्राक्टिकल, क्लिनिकल चर्चा, केस प्रस्तुतिकरण होते है । सेमिनार में सफल प्रतिभागी विभिन्न अस्पताल/ संस्थानों में देश -विदेश में अवस्थापित होते हैं । अध्ययन यात्रा (अंतिम वर्ष के छात्रों हेतु) देश के विभिन्न संस्थानों का भ्रमण, आर्टिफिशल लिंब केंद्र भ्रमण अध्ययन का अंग है ।
दीर्घ अवधि पाठ्यक्रम :
18 महीने का प्रोस्थेटिक एवं आर्थोटिक पाठ्यक्रम मई 1976 में शुरू हुआ । 1987 में डिप्लोमा इन प्रोस्थेटिक एंड ओर्थोटिक इंजीनियरिंग में शुरू हुआ इसका सहबंधन स्टेट काउंसिल आफ टेकनीकल एजूकेशन एंड वोकेशनल ट्रेनिंग, ओडिशा के साथ था । डीपीओई पाठ्यक्रम को बेचलर डिग्री इन प्रोस्थेटिक्स एंड आर्थोटिक्स (बीपीओ) के 1998 में साढे तीन वर्षीय कोर्स में परिवर्तित कर उत्कल विश्वविालय से सहबंधन किया गया । 2003 ई. से पाठ्यक्रम को साढे तीन से चार वर्ष अवधि का किया गया । वर्तमान उत्कल विश्वविालय के साथ सहबंधित किया है । बाद में आरसीआई मानों के अनुसार 2012 से पाठ्यक्रम को चार वर्ष अवधि का कर दिया है । इस पाठ्यक्रम हेतु न्यूनतम योग्यता फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलोजी/मेथेमेटिक्स के साथ +2 है । पाठ्यक्रम में 46 अंतर्ग्रहण अनुमत है ।
अल्पावधि पाठ्यक्रम :
विभाग विभिन्न सरकारी, गैरसरकारी संस्थाओं में काम करने वालों का प्रास्टेटिक्स एवं आर्थोटिक्स में आधुनिकतम ज्ञान बढाने हेतु अल्पावधि नवीकरण पाठ्यक्रम, जैसे कार्यशाला, सेमिनार आदि का आयोजन करता है । प्रेस्थेस्टिक्स एवं आर्थोटिक्स में अपनी अतन एवं आधुनिकतम तकनीक प्रदर्शन के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाता है । पुनर्स्थापन के वृहत्तर दायरे में अन्य विषयों के अल्पावधि पाठ्यक्रम भी आोजित किये जाते हैं ।
अतिथि अध्यापक आमंत्रित :
दीर्घावधि एवं अल्पावधि पाठ्यक्रमों में अतिथि अध्यापकों को आमंत्रित किया जाता है ।
भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं सशस्त्रीकरण मंत्रालय के विद्वान एवं तकनीकी मिशन मोड द्वारा पूंजी प्रदान अनुसंधान परियोजना द्वारा विभाग ने हल्के चार एवं स्वल्प मूल्य के प्रोस्थेटिक एवं आर्थोटिक संयंत्र एवं अन्य पुनर्स्थापन सामग्री की डिजाइन एवं विकास किया है । डिजाइन की हुई एंडीस्केलेटन तकनीक कम लागत एवं विदेशागत सामग्री के विकल्प स्वरूप निर्मित की है । इससे लोअरलिंब एंपूटीज बडी संख्या में लाभान्वित हो रहे हैं । हलके भार के कारण एंपूटी को एंबूलेशन में बहुत कम शक्ति खर्च करनी पडती है । संस्थान द्वारा डिजाइन किये हुए उपकरण एवं संयंत्र हैं :
* माडूलर बीके प्रोस्थेसिस
* माडूलर एके प्रोस्थेसिस
माडूलर बीके प्रोस्थेसिस :
यह तकनीकी उद्भावन है जिससे घुटनों के नीचे के एंपुटीज सचल हो समाज में उत्पादनक्षम जीवन जीने में सक्षम होते हैं । इसमें पोलीप्रोपिलिन थर्मोप्लास्टिक कस्टम मोल्डेड साकेट, एंडोस्केलेटल प्रीफेब्रिकेटेड कंपोनेंट जो कि अलमूनियम अलाय के पीफेब्रिकेटेड प्रोस्थेटिक फूट एवं कास्मेटिक कवर हैं । प्रोस्थेसिस का निर्माण देश में उपलब्ध आधुनिकतम सामग्री से कर फिट किया जाता है । प्रोस्थेसिस का निर्माण अति सरल है और कम समय की जरूरत होती है । यह पहनने में सरल है, दीर्घ स्थायी है एवं आरामदायी है । बीके एंपूटीज को बहुत बडी संख्या में यह प्रोस्थेसिस लगाया है ।
माडूलर एके प्रोस्थेसिस
विभाग ने एंडोस्केलेटन टेक्नालाजी पर चार बार लिंकेज कर एके प्रोस्थेसिस का डिजाइन तैयार कर विकास किया । यह तकनीक प्रोस्थेटिक फिटमेंट में लागू होती है और बडी संख्या में एके अंपूटीज के पुनर्स्थापन में लगी है । एके अंपूटीज के लिए बिकसित तकनीक का व्यवहार थ्रूनी एवं हिप डिसार्टिकुलेशन एंपुटीज में भी संभव है । इस हलके, सस्ते एवं अधिक सुविधापूर्ण एंपुटीज में लाभान्वित अधिकांश ऊंचे दर्जे के लोअरलिंब एंपुटीज में लाभान्वित होंगे । चार बार लिंकेज नी ज्वायंट लगाया प्रोस्थेसिस स्वतःप्राप्त घुटने की स्थिरता गेट साइकल तक प्रदान करता है । यह प्रोस्थेसिस बेहतर कास्मेटिक अभीरेंस प्रदान करता है एवं सतह पर नरम अनुभव आकार भी देता है ।
अन्य अनुसंधान गतिविधियाँ :
संस्थान निरंतर नयी पद्धति, नई तकनीक एवं मौजूद तकनीक को उन्नततर बनाता रहता है । इससे भिन्नक्षमों को उचित सहायता व यंत्र उपलब्ध होंगे । विभिन्न क्लिनिकल स्थितियों पर ध्यान देकर अनेक सहायक एवं संयंत्र का डिजाइन और निर्माण कर भिन्नक्षमों को लाभ पहँुचाया ताकि वे अच्छे स्तर की एवं सार्थक जिन्दगी जी सकें । निर्मित एवं विकसित यंत्र :
* थर्मोप्लास्टिक पोलीप्रोपिलीन आर्थोसिस ।
* माडूलर अपर लिंब प्रोस्थेसिस ।
* मल्टीपरपस आर्थोसिस : लकवा ग्रस्त शिशु के लिए ।
कांफ्रेंस एवं सेमिनार में भाग लेना :
विभाग में अनुसंधानों के आधार पर अनेक वैज्ञानिक प्रपत्र प्रस्तुत किये गये, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुत किये, एवं सर्वश्रेष्ठ पेपर का पुरस्कार प्राप्त किया ।
सम्मेलनों में प्रस्तुत वैज्ञानिक प्रपत्र :
चेनई, तामिलाडु में 14-16 फर्वरी 2014 को हुई ओपीएआई को xxi राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत वैज्ञानिक प्रपत्र :
SL NO. | DATE | NAME (AUTHOR) | CONFERENCE | TOPIC | PRESENTER |
---|---|---|---|---|---|
1 | 14 to 16th FEB 2014 | N. Ojha, A. N. Nanda |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
An Indigenous design of Shoulder and Elbow Orthosis for Management of Brachial Plexus Injury | Diptimayee Pati, BPO student, Neha, BPO Student |
2 | 14 to 16th FEB 2014 | M. D. Burman Sanket Kumar Rout |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Neurophysiological AFO | Saiprava Mishra, BPO, Internee |
3 | 14 to 16th FEB 2014 | Chittaranjan Mohanty | XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Dynamic Multiaxial Shoulder Splint with Spring Loaded Elbow Joint | Parthsarathi Swain, BPO student, Sonali Mohanty, BPO Student |
4 | 14 to 16th FEB 2014 | N.Ojha, B.D.Moharana |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Cost effective N.O.P off loading Orthosis for Management of O.A. Knee | Sudipta Pradhan, BPO Internee, Pradipta Patra, BPO Student |
5 | 14 to 16th FEB 2014 | N. Ojha, B.D.Moharana Rojalin Pradhan |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
An Adjustable Ankle –Foot Orthosis for Stretching of Tendoachialis for management of Spatic Cerebral Palsy Children | Chinmayee Subhasmita Panda, BPO Student, Niharika Satpathy, BPO Student |
6 | 14 to 16th FEB 2014 | N. Ojha, Lagnajit Behera |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Dynamic Splinting to Prevent Wrist Flexion Contracture (in case of distal radius Fracture)-A Case Study | Diptirani Pradhan |
7 | 14 to 16th FEB 2014 | N.Ojha, Lagnajit Behera |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Effect of a Modified Spinal Brace for Idiopathic Scoliosis- A Pilot Study | Prachiprava Pattnaik, BPO Student, Supriya Pradhan, BPO Student |
8 | 14 to 16th FEB 2014 | M.D.Burman, N. Ojha |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Modified Orthosis for Torticolis associated with Scoliosis | Sayada Nikhat Jaman Bano |
9 | 14 to 16th FEB 2014 | S. Moharana | XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Intelligent design and fine tuning in Prosthetics | Sanket Ku. Rout, S. Moharana |
10 | 14 to 16th FEB 2014 | S. N. Rout, S. K. Rout |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Extension Prosthesis for Congenital Skeletal limb Deficiency | Supriti Mahakud, BPO Internee, Rajkishore Sahoo, BPO Internee |
11 | 14 to 16th FEB 2014 | S. N. Rout, Lagnajit Behera |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Light weight Modified Paediatric Transfemoral Prosthesis | Jitendra Kumar Sahoo, BPO Internee, Shradhanjali Muduli, BPO Internee |
12 | 14 to 16th FEB 2014 | N. Ojha, R. K. Barik, Rojalin Pradhan, Dr. S. P. Das |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Orthotic & Prosthetic Management for Electrical Post Burn Contracture of both Lower extremity and Right Shoulder Disarticulation Amputee- A case report | N. Ojha |
13 | 14 to 16th FEB 2014 | S. Moharana, A. N. Nanda |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Post Burn Upper Limb Amputation and Prosthetics | Debasis Sahoo, BPO Internee, Jayanti Jena, BPO Internee |
14 | 14 to 16th FEB 2014 | N. Ojha, Lagnajit behera |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
A New design of Prosthetic Ankle Joint incorporated with four bar Linkage knee of Transfemoral Prosthesis for Squatting | Truptiranjan Swain, BPO Student, Sasmita Behera, BPO Student |
15 | 14 to 16th FEB 2014 | A. N. Nanda | XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Management of Children with Congenital deficiency of the Legs | Sukanya Sahoo, BPO Student, Aparna Sahoo, BPO Student |
16 | 14 to 16th FEB 2014 | M. D. Burman, Ranjan Das |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Design of Prosthetic Foot for transtibial Prosthesis | Rajkishore Sahoo, BPO Internee |
17 | 14 to 16th FEB 2014 | S. Moharana | XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Bilateral Upper Limb Amputation and Clinical Management | Sasmita Ojha, BPO Student, Ranjita Kumari, BPO Student |
18 | 14 to 16th FEB 2014 | S. K. Rout | XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Neuroprosthetic Devices-A new era begins | Priyanka Behera |
19 | 14 to 16th FEB 2014 | S. Moharana, A. N. Nanda |
XXI National Conference OPAI held at Chennai |
Loading in Hip Disarticulation Prosthesis- A critical analysis | Sushree Swikruti Swagatika, BPO Student, Yajnasenee Mohanty, BPO Student |
20 | 14 to 16th FEB 2014 | S. K. Rout | XXI National Conference OPAI held at Chennai |
The Accessible Journey | Jayanta Kumar Dash, BPO student, Choudhury Madhusmita Dash, BPO Student |
पुरस्कार प्राप्त :
कुमारी एस प्रधान, बीपीओ इटर्नी एवं कु. पी पात्र, अंतिम वर्ष की छात्रा ने
1. आर्थोटिक्स में सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक प्रपत्र “कास्टइफेक्टिव एनओपी आफ लोडिंग आर्थोसिस फार मेनेजमेंट आफ ओए नी'' ।
2. डी साहू, जे जेना बीपीओ इंटर्नी ने “पोस्टबर्न अपर लिंब एंपुटेशन एंड प्रोस्टेटिक्स'' द्वितीय सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक प्रपत्र पुरस्कार ।
3. नारमल ह्यूमन लोकोमोशन -एटए ग्लांस' पर स्मृति महांति एवं शुभश्री विजयिनी देवी, बीपीओ छात्रों ने सर्वश्रेष्ठ पोस्टर पुरस्कार जीता ।
सचेतनता कार्यक्रम :
पीडब्लूडी एवं साधारण लोगों में सचेतनता हेतु देश के विभिन्न भागों में आयोजित प्रदर्शनियों में भाग लिया । विकलांगों के लिए विभिन्न सहायक सामग्री एवं उपकरणों एवं नये यंत्रों का प्रदर्शन किया । प्रदर्शनी में पुनर्स्थापन की गतिविधियों एवं उपलब्ध सुविधाओं के बारे में प्रचार पत्र बांटे गए ।