पुनर्स्थापन में मनोविज्ञान महत्वपूर्ण शाखा है । आरसीआई अधिनियम 1992 के अधीन इसे रिहाबिलिटेशन प्रोफेशन घोषित किया गया है । डिपार्टमेंट आफ रिहाबिलिशन मेडिसिन एंड सर्जरी (डीपीएमएस) के अंतर्गत 1999 में मनोज्ञैानिक का पद सृजन किया गया । इससे मरीजों को बेहतर एवं स्वतंत्र सेवा उपलब्ध कराई जा सकती है एवं अकादेमिक गतिविधि में मदद मिलती है ।
मनोविज्ञान विभाग की तीन प्रमुख गतिविधियाँ हैं :
1. अकादेमिक कार्यकलाप,
2. क्लिनिकल गतिविधि एवं अनुसंधान संबंधी गतिविधियाँ । (पीटी. ओटी एवं पी एंड ओ) तथा अनेक अल्पावधि कार्यों में रखा है । क्लिनिकल कार्यों में शीघ्र पता लगाना, मूल्यांकन, प्लानिंग, मनोवैज्ञानिक सेवा उपलब्ध कराना एवं काउंसेलिंग करना । निरंतर अनुसंधान विभिन्न मरीजों के साथ तथा संस्थान में दैनिक रोगियों को देखना है ।
प्राथमिक लक्ष्य :
ए) स्नातक, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में मनोविज्ञान पढाना
* अभिभावकों, योग्यता संपन्न थेरपिष्ट, मनोवैज्ञानिकों, हाईस्कूल एवं प्राइमरी शिक्षकों के लिए अवधि पाठ्यक्रम
* पहचान के स्तर में सुधार, शीघ्र हस्तक्षेप, मूल्यांकन, निर्धारण, योजना एवं मनो सेवायें लागू करना तथा काउंसेलिंग ।
* संपूर्ण पुनर्स्थापन के दौरान विभिन्न स्तरों पर रोगियों को अधिकतम संभव मनो समायोजन उपलब्ध कराना प्राथमिक लक्ष्य है ।
दीर्घवधि लक्ष्य :
* विभाग का ऐसे विकसित करना पीडब्लूडी के विशेष बधों की विशेष जरूरतों के लिए सर्वोत्तम केंद्र बने ।
* भविष्य में विभाग पुनर्स्थापन मनोविज्ञान/मानसिक अवमंदता/ बहुआयामी अक्षमता पर स्नातकोत्तर डिप्लोमा शुरू करने की योजना है ।
* मनोविज्ञान में परियोजना कार्य हाथ में लिया जायेगा ।
आउटडोर एवं इनडोर रोगियों को मनोवैज्ञानिक सेवायें उपलब्ध करायी जाती हैं । सीपी, एमआर, आटिस्टिक, एडीएचडी एवं बहुआयामी भिन्नक्षम बालकों के अभिभावकों, परिवारजनों, देखभाल करने वालों के लिए काउंसेलिंग उपलब्ध कराता है । मस्तिष्क घात, मानसिक मंदता, आटिस्टिक, एडीएचडी एवं बहुविध अक्षमता में शीघ्र पहचान, शीघ्र हस्तक्षेप और ईलाज योजना उपलब्ध कराता है । संस्थान में पाराप्लेजिया, हेमिप्लेजिया, दुर्घटना के मामले, ट्रामा मामले, एंपूटी मामले एवं अन्य पुनर्स्थापन मामलों में मनोवैज्ञानिक सेवा उपलब्ध कराता है । मरीजों को अक्षमता स्वीकारने हेतु प्रेरणा देता है, मनोवैज्ञानिक एवं विहेवियर चिकित्सा, खेल चिकित्सा, विशेष शिक्षा एवं अध्ययन अक्षमता में मार्गदर्शन देता है ।