फिजियोथेरापी आधुनिक चिकित्सा की वह शाखा है जो एक्सरसाइज, मबिलाइजेशन, मेनिपुलेसन, ट्रेकशन, इलेक्ट्रिसीटी, मेगनेटिज्म, हीट, लाइट, वाटर, आइस, अल्ट्रासाउंड आदि भौतिक साधनों से रोगी एवं विकलांगता की चिकित्सा करते हैं । इसमें केवल भौतिक उपायों का प्रयोग ही नहीं होता । इसमें मरीज का पूरा तत्वावधान लेते हैं । जैसे मूल्यांकन, आकलन, चिकित्सा, योजना, प्रयोग एवं सलाह आदि इसमें शामिल हैं । इसमें मस्कुलोस्केलेटल, न्यूरोमस्कुलर, कार्डियोपल्मनरी, पेडियाक्ट्रिक्स, जेरियाट्रिक्स एवं सभी शल्यचित्सा संबंधी स्थितियाँ शामिल हैं ।
विभिन्न भिन्नक्षमों को आउटडोर एवं इनडोर फिजियोथेरापी सेवायें उपलब्ध करायी जाती हैं । विभाग में निम्न अत्याधुनिक एवं अत्यंत संवेदी उपकरण एवं संयंत्र उपलब्ध हैं । जैसे : फियाक्शन ७८७ (मल्टीकोंटसिस्टम), बायोस्टिम 6040 (बायोफीडबैक सिस्टम), इंटलेक्ट 750 एवं 580, कंबिनेसन थेरापी, एसडब्लूडी एवं पल्सड इलेक्ट्रोमेग्नेटिक वेव, एल्ट्रेक(कंप्यूरीकृत ट्रेक्शन मशीन साथ में मूवेबल एवं एडजस्टेबल बेड), ही-नी लेजर, ईएमजी - एनसी मशीन, माइक्रोवेव डायथर्मी मशीन, इंटरफेरेंशियल थेरापी मशीन, इंटरमिटेंट न्यूमेटिक संयंत्र, कंट्रास्ट स्नान, आइस फ्लिकर, घुटने का निरंतर पेसिव मोशन (सीपीएम), मल्टी -जिम, अर्गोमिटर, होम ट्रेक्शन किट, पुनर्स्थापन ट्रेड मिल, रिकंर्बेट बाइक, हेंडइवाल्यूशन किट, स्किन फोल्ड के लिपर, अपर एवं लोअर लिंब अर्गोमिटर, आइसो काइनेटिक युनिट, स्पिरोमिटर युनिट, इंस्पिरेटरी मसल ट्रेनर आदि ।
विभाग में तीन इकाइयाँ हैं :
मस्कूलोस्केलेटल इकाई (मेनुअल थेरापी एवं ट्रेक्शन, इलेक्ट्रो थेरापी, हीट थेरापी एवं एक्टिनो थेरापी) शिशु चिकित्सा इकाई एवं स्नायु पुनर्स्थापन इकाई ।
मस्कुलोस्केलेटल इकाई :
निम्न पीठ दर्द, गर्दन दर्द, साइटिका, जकडे ज्वायंट, कंधे का पेरियार्थराइटिस, ओस्टियो आर्थराइटिस, टेनिस एलबो, हस्त चोट, एंपूटी एवं खेल चोट आदि विभिन्न मस्कुलोस्केर्लटलविभागों की चिकित्सा मोबिलाइजेसन, मेनीयुलेसन ट्रेक्सन, इलेक्ट्रोथेरापी से होता है ।
पेटिया ट्रक्स एकक अर्ब्स पाल्सी, मायोपैथी, जन्मजात विकृति, मस्तिष्क अंगघात, मस्तिष्क घात, (पोलीन्यूरोपैथी, पेरिफरल नर्व इंजुरी, पर्किसनिज्म, हेंसम्स डिजीज, अटाक्सिया) का इलाज विकासात्मक चिकित्सा, सामान्य चल चिकित्सा, मोटर लर्निंग प्रोग्राम आदि से किया जाता है ।
स्नायविक पुनर्स्थापन इकाई :
स्ट्रोक, रीढ आघात, मायोपेथी, मस्तिष्क चोट, पोलीन्यूरोपेथी, पेरिफेरल नर्व इंजरी, पर्किसनिज्म, हेंसन डिजिज, एटाक्सिया आदि न्यूरोमस्कुलर स्थितियों का इलाज सामान्य चलन चिकित्सा, प्रोप्रियोसेप्टिव नूरोमस्कुलर फेसिलिटेशन तकनीक, मोटर रीलर्निंग कार्यक्रम आदि से होता है ।
रोगी थेरापिस्टों को आवंटित करते हैं जो मूल्यांकन, आकलन एवं चिकित्सा करते हैं । कठिन और जटिल केसों पर विभागीय बैठकों में चर्चा होती है, कठिन थेरापूरिक उपाय किये जाते हैं । रोगियों को उचित “गृह व्यायाम कार्यक्रम” की सलाह दी जाती है ।
निम्न सेवायें फिजियोथेरापी विभाग में उपलब्ध हैं :
इलेक्ट्रोथिरोपी - विुत उत्तेजन, हस्तक्षेपी चिकित्सा, टीइएनएस ।
एक्टिनोथिरोपी - अल्ट्रावायलेट, इंफ्रारेड रेडियेशन, लेजर आदि ।
हीट थेरापी - पेराफिनवेक्स स्नान, मोयस्ट हीट, अल्ट्रासाउंड, शार्टवेव डायथर्मी, माइक्रोवेव डायथर्मी आदि ।
व्यायाम चिकित्सा :
* मेनुअल थिरापी, इसमें ट्रेक्शन एवं साफ टीशू मेनियुअल शामिल ।
* हाइड्रोथिरापी एवं क्रायोथिरापी :
* मिस्ट- सीडीजी -गेट एनालाइजर - किन-कोम आइसोकाइनेटिक इकाई, पल्स्ड इलेक्ट्रोमेग्नेटिक एनर्जी, बायोफीड बैंक आदि ।
क्लास रूम भाषणों के अलावा, क्लिनिकल एवं प्रायोगिक प्रदर्शन, साप्ताहिक सेमिनार, केस प्रस्तुतिकरण, जर्नल पर चर्चा आदि छात्रों, इंटर्न एवं एमपीटी(रिहाब) छात्रों के लिए आयोजित होते हैं । सफल छात्रों को देश-विदेश के विभिन्न अस्पतालों/संस्थानों में सफलतापूर्वक नियुक्त किया जाता है । अध्ययन का महत्वपूर्ण अंग अध्ययन यात्रा है । सामान्यतः अंतिम वर्ष के छात्र दो सप्ताह के लिए देश के विभिन्न संस्थानों की यात्रा करते हैं ।
वर्तमान संस्थान साढे चार वर्ष (छः महीने इंटर्रशिप) का फिजियोथेरापी (बीपीटी) पाठ्यक्रम 62 अंतर्ग्रहण सह चलाता है । दो वर्षीय मास्टर्स पाठ्यक्रम फिजियोथेरापी (एम.पी.टी) 15 अंतर्ग्रहण सहित चलाता है । एमपीटी में विशेषज्ञता ङङ्गपुनर्स्थापन' और मस्कुलोस्केलेटन कंडिशन शिशुरोग चिकित्सा एवं ङङ्गस्नायुरोग के लिए उपलब्ध हैं । बीपीटी पाठ्यक्रमों में 2008 प्रवेश वाले एवं 2009 परीक्षा के लिए सेमिस्टर पद्धति लागू हो चुकी है ।
यहाँ के अध्यापक विभिन्न पाठ्यक्रम समिति सदस्य नियुक्त होते हैं ।
श्रीपीपी महांति, एसोसियेट प्रो. (पीटी) को छत्तीसगढ आयूब एवं हेल्थ साइंस विश्वविालय;उत्कल विश्वविालय, भुवनेश्वर के बीपीटी, बीओटी, एमपीटी, एमओटी, पीजी तथा सिक्कम मनिपाल विश्वविालय, गंगटोक के फिजियोथेरापी पाठ्यक्रम की पाठ्य समिति सदस्य बनाया गया है ।
फिजियोथेरानिस्ट विभाग के स्टाफ सदस्यों का पुरस्कार :
प्रो. पीपी महांति, एसो.प्रो. एवं विभागाध्यक्ष को निम्न पुरस्कार प्राप्त हुए हैं :
* इंडियन एसोसियेशन आफ फिजियोथेरापिस्ट से जयपुर(राजस्थान) में 2004 में सीपी नैयर पुरस्कार ।
* आइएपी फेलोशिप अवार्ड 2010 में