डिग्री पाठ्यक्रम
1. बेचलर इन फिजियोथेरापी (बी.पी.टी.)
2. बेचलर इन आकूपेशनल थेरापी (बी.ओ.टी.)
1. बेचलर इन फिजियोथेरापी (बी.पी.टी.)
पुनर्स्थापन ने 1987 में बीपीटी एवं बीओटी में दो डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किये । प्रत्येक में अंतर्ग्रहण क्षमता 62 है । यह साढे चार वर्ष अवधि (छ; महीने की इंटर्न सह) का है । इसका सहबंधन उत्कल विश्वविालय, भुवनेश्वर से है । इनमें प्रवेश हेतु न्युनतम योग्यता 10+2 विज्ञान में तीन विषयों सह 50% न्यूनतम प्राप्तांक साधारण छात्रों एवं एससी/एसटी/पीएच छात्रों के लिए 40% न्यूनतम कुल प्राप्तांक है (फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं बायोलाजी ) है । अंग्रेजी एक विशेष रूप में पास होना जरूरी है ।
2. बेचलर इन प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स (बीपीओ) :
ए.एल.आइ.एम.सी.ओ पुनर्स्थापन ने प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थोटिक्स में 1976-77 में सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू किये । संस्थान साढे तीन वर्षीय बीपीओ डिग्री पाठ्यक्रम 1999 सचला रहा है । बाद
में 2003 में यह साढे चार वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम (छः महीने का इटर्नीसी में परिवर्तित हो गया सहबंधन में है । प्रवेश की न्यूनतम योग्यता 10+2 विज्ञान या समकक्ष साथ में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेथमेटिक्स या बायोजोजी है । साधारण छात्रों के लिए 50% और एससी/एसटी/पीएच छात्रों के लिए 40% है । अंग्रेजी विषय में पास होना जरूरी है । अंतर्ग्रहण क्षमता 46 सीट है ।
3. चयन प्रक्रिया :
अखिल भारतीय प्रवेशिका टेस्ट इन सभी पाठ्यक्रमों हेतु SVNIRTAR एवं नेशनल इंस्टीच्यूट आफ आर्थोपेडिकली है डीकेप्ड (एन.आइ.ओ.एच), कोलकाता प्रति वर्ष आयोजित करता है । संस्था भारत सरकार की आरक्षण नीति का अनुपालन करती है ।
पिछडे राज्यों के प्रतिभागियों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सीधे प्रवेश हेतु स्पांसर करता है।
उपाध्युत्तर पाठ्यक्रम :
1) मास्टर्स इन आकूपेशनलथेरापी (एमओटी) एवं मास्टर्स इन फिजियोथेरापी (एमपीटी)
दो उपाध्युत्तर पाठ्यक्रम एमओटी एवं एमपीटी दो वर्षीय अवधि के प्रत्येक में पंद्रह अंतर्ग्रहण क्षमता सह पुनर्स्थापन में जारी हैं । इनका सहबंधन यूयू, भुवनेश्वर से है । विशेषज्ञता एमपीटी में रिहेबिलिटेशन, मेस्कूलोस्केलेटल कंडीशंस, न्यूरोलाजी, पेडियाट्रिक्स में उपलब्ध है । एमओटी में रिहेबिलिटेशन, डेवलेममेंटल डिजेबलिटीज, न्यूरालाजी एवं हैंडरिहेबिलिटेशन में उपलब्ध है ।
2) चयन प्रक्रिया :
छात्र चयन हेतु SVNIRTAR निदेशक की अध्यक्षता में आल इंडिया पोस्ट ग्रेजुएट एंट्रांस टेस्ट (पीजीईटी) किया जाता है ।
डिप्लोमेट इन नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन्स (डी.एन.पी.)
फिजिकल मेडिसिन एवं रिहबिलिटेशन में डिप्लोमेट के लिए नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन से एक्रेडिटेशन मिला है । इसमें दो सीट हैं । यह पाठ्यक्रम फिजिकल मेडिसीन एवं रिहेबिलिटेशन में (एमडी) के समकक्ष है । चुने हुए छात्रों को तीन वर्ष के लिए स्टाइपेंड दिया जाता है ।
अल्पावधि कार्यक्रम, सीएमई कार्यक्रम, सेमिनार आदि :