आकूपेशनल थेरापी को ओटी कहते हैं । इसमें फिजिकल, मेंटल या डेवलपमेंट या हिस्फंक्शन कंडीशन में विकास, रिकवर या स्थिरावस्था हेतु चिकित्सा दी जाती है । ओटी रोगी केंद्रित प्रेक्टिस है, इसमें रोगी के लक्ष्य की प्रगति पर महत्व दिया जाता है । चिकित्सा हस्तक्षेप बायोलाजिकल कंपोनेंट, वातावण अनुग्रहण, टास्क को अनुकूलन, कौशल सिखाना, रोगी/परिवार को सिखाना ताकि दैनिक गतिविधियाँ बढा कर भागीदारी संभव हो, विशेष करके जो रोगी के लिए सार्थक हों ।